Posted by: RAJ | December 24, 2011

साँसों की माला

मेरे साँसों के आरोह में … तेरे केसुओं की महक मुझे मदहोश करे
मेरी आंखं मूँद कर ……….मेरा दिल तेरा ध्यान करे

मेरे साँसों के ठहराव में .. तेरे आवाज़ की चहक मेरे मन में रस घोल दे
मेरे चहरे पर मुस्कान ला कर मेरा दिल .. तेरे होने का आगाज़ करे

मेरे साँसों के अवरोह में ..तेरे तन की खुशबू मुझे शिथिल करे
मेरे इन्द्रियों को गुगुदा कर … तेरा मुझ में होने का एहसास करे

अब इन साँसों का सिलसिला तुमसे जुड़ गया है …
हर एक ऐसा एहसास …मेरे साँसों की माला सा बन गया
लगता है उस खुदा से नाता फिर जुड़ गया है|


Responses

  1. Nice one…..


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